VISION
वर्तमान समाज आपसी सदभाव के गहरे आभाव के दौर से गुजर रहा है। सम्पूर्ण अंतराष्ट्रीय जगत में आतंकवाद एक विकराल समस्या के रूप में कायम हो चुका है। ऐसे मे समुचा विश्व पुनः राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के आदर्शो और विचारो की और देख रहा है। हमारा यह नैतिक कर्तव्य है कि हम बापू के द्वारा बताये गये सद्भावना के मुल मंत्र को जन-जन तक पहुचाऐं इसी धेर्य और उद्देष्यों को कायम रखते हुए मैने अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला आयोजित करने की कल्पना की और इसे अटुट दृढ़विश्वाश ,इच्छाशक्ति और आप सभी के सहयोग,समर्थन और विश्वाश के आधार पर फलिभुत किया।
मुझे प्रसन्नता है कि अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ताओं के व्याख्यानो से निकली सद्भावना की बयार सम्पूर्ण विश्व तक विस्तारित हो रही है। सद्भाव,प्रेम और भाईचारे का संदेश प्रदान करने वाले व्याख्यान समाज में वसुधेव कुटुंबकम की पावन धारणा को स्थापित कर रहे है। ‘‘ शांति’’ और ‘‘विश्व बन्धुत्व’’ पर आधारित व्याख्यानो को मिली अपार सराहना हमारे सद्भावना-प्रसार के उद्देष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
वेैमनस्यता की आग में जल रहे विश्व को शांत करने के लिए जन-जन के मन में सद्भावना की शितलता प्रदान करना बेहद आवश्यक है सद्भावना व्याख्यानमाला मे हो रहे वैचारिक मंथन इस शितलता को बेहतर रूप से स्थापित कर रहे है।